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muskuraateraho एक ऐसी वेबसाइट है, जहा पर आपको ट्रेवल टिप्स और मशहूर
टूरिस्ट प्लेस, हिल स्टेशन, फॅमिली वेकेशन, कपल वेकेशन, टूर एडवेंचर और
मशहूर हॉलिडे डेस्टिनेशन की सम्पूर्ण जानकारी मिलती है.

26. गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई

 

गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारक है, जो भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में जाना जाता है। यह स्मारक 1924 में पूरा हुआ और इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट जॉर्ज विटेट द्वारा डिज़ाइन किया गया था। गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया था।

स्मारक का स्थापत्य कला "विजयनगर" शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें येलो बासाल्ट और काले पत्थर का उपयोग किया गया है। गेटवे ऑफ इंडिया की ऊँचाई 26 मीटर है और इसकी डिजाइन में मुस्लिम और हिन्दू वास्तुकला का संयोजन देखा जा सकता है। इसकी भव्य आर्च और सजावटी संरचनाएँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

गेटवे ऑफ इंडिया समुद्र तट के किनारे स्थित है और यहाँ से मुंबई के अन्य प्रमुख स्थलों का दृश्य देखा जा सकता है। यह स्थल विशेष रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय महत्वपूर्ण रहा, जब ब्रिटिश सैनिकों ने यहाँ से भारत छोड़ा।

आज, गेटवे ऑफ इंडिया एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं। यहाँ के आसपास की हलचल, रेत पर चलना, और स्थानीय भोजन का आनंद इसे एक जीवंत स्थल बनाते हैं। यह स्मारक मुंबई की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है और भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

 

27. लोटस टेंपल दिल्ली

 

लोटस टेंपल, दिल्ली, एक अत्यंत विशिष्ट और सुंदर धार्मिक स्थल है, जो अपनी अद्वितीय डिजाइन और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसे 1986 में बनाया गया और यह बहाई धर्म के अनुयायियों द्वारा संचालित है। लोटस टेंपल का डिज़ाइन एक विशाल कमल के फूल के रूप में किया गया है, जो इसकी सौंदर्य और स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषता है।

मंदिर का वास्तुकला बहाई धर्म के आदर्शों को दर्शाता है, जिसमें विभिन्न धार्मिक पंथों के बीच एकता और समानता का संदेश होता है। इसके निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो इसे एक निहायत ही स्वच्छ और सरल रूप प्रदान करता है। मंदिर के 27 कमल के पंखुड़ियों को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ते हुए, यह दर्शाता है कि धर्म और मानवता की विविधता को एक साथ लाना चाहिए।

लोटस टेंपल की संरचना एक केंद्रीय हॉल के चारों ओर स्थित है, जो शांति और ध्यान के लिए आदर्श स्थान है। यहाँ कोई भी पूजा अनुष्ठान नहीं होता, और इसे सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला रखा गया है, जो यहाँ शांति और ध्यान का अनुभव करने आ सकते हैं।

 

इसकी खूबसूरत बाग-बगिचों और सुरम्य जलाशयों के साथ, लोटस टेंपल एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। यह दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और हर साल हजारों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर बहाई धर्म के सिद्धांतों का प्रतीक है और धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक एकता का संदेश फैलाता है।

 

28. अक्षरधाम दिल्ली

 

अक्षरधाम या स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर एक हिंदू मंदिर है जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह एक आध्यात्मिक-सांस्कृतिक परिसर है जिसको स्वामीनारायण अक्षरधाम के रूप में भी जाना जाता है। अक्षरधाम परिसर पारंपरिक हिंदू और भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला के नमूनों को प्रदर्शित करता है।

 

29. पिछोला झील राजस्थान

 

पिछोला झील, राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित, एक सुंदर और ऐतिहासिक झील है, जो अपनी मनोरम सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह झील 1362 में महाराजा उदय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाई गई थी और इसे उदयपुर शहर की वास्तुकला और जल प्रबंधन का एक अद्वितीय उदाहरण माना जाता है।

 

पिछोला झील की सुंदरता की विशेषता इसके बीच में स्थित दो प्रमुख द्वीपों, जग निवास (पैलेस होटल) और जग मंदिर (मंदिर) में है। जग निवास, जिसे "लेक पैलेस" के नाम से भी जाना जाता है, एक शानदार महल है जो अब एक लक्जरी होटल के रूप में उपयोग होता है और इसकी भव्यता और सुंदरता के लिए जाना जाता है। दूसरी ओर, जग मंदिर, एक ऐतिहासिक मंदिर है जो राजा और उनके परिवार द्वारा पूजा के लिए उपयोग किया जाता था।

 

पिछोला झील के आसपास के क्षेत्र में सुंदर बाग-बगिचे, महल, और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। झील के किनारे पर बोटिंग करना, सूर्यास्त के दौरान उसकी सुंदरता का आनंद लेना, और आसपास के ऐतिहासिक स्थलों की सैर करना पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।

 

यह झील उदयपुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और राजस्थान के पर्यटन के प्रमुख आकर्षणों में शामिल है। पिछोला झील की शांति और सौंदर्य हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

 

30. जल महल जयपुर

 

जल महल, जयपुर, राजस्थान का एक आकर्षक और ऐतिहासिक स्मारक है, जो मानसागर झील के बीच में स्थित है। इसे 18वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। जल महल की वास्तुकला और इसका स्थान इसे जयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक बनाते हैं।

 

जल महल का डिज़ाइन राजपूत और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। महल की चार मंजिलें हैं, जिनमें से तीन पानी के नीचे रहती हैं और केवल एक मंजिल झील की सतह पर उभरती है। यह विशेष डिजाइन न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि पानी की स्थिति के अनुसार महल की संरचना को भी दर्शाता है।

जल महल का उद्देश्य शाही परिवार के लिए आराम और मनोरंजन का स्थान प्रदान करना था। इसका इंटीरियर्स सजावटी और राजसी हैं, जिसमें जटिल नक्काशी और भव्य आँगन शामिल हैं। महल के आसपास का क्षेत्र सुंदर बाग-बगिचों और फूलों से सुसज्जित है, जो इसके सौंदर्य को और बढ़ाते हैं।

 

आज, जल महल का दौरा पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। यद्यपि महल आम जनता के लिए खोला नहीं जाता, लेकिन झील पर बोटिंग और महल की अद्वितीय संरचना के दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। जल महल जयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य धरोहर का प्रतीक है और राजस्थान की ऐतिहासिक सुंदरता को दर्शाता है।

31. जैसलमेर किला

 

जैसलमेर किला, जिसे "सोनार किला" भी कहा जाता है, राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित एक भव्य किला है। इसे 1156 में रावल जैसल द्वारा स्थापित किया गया था और यह राजस्थान के प्रमुख किलों में से एक माना जाता है। इस किले की विशेषता उसकी सोने जैसी चमकदार रंगत है, जो इसे सोनार किला का नाम देती है।

जैसलमेर किला सुनहरे बलुआ पत्थर से निर्मित है, जिससे यह रेगिस्तान की भयंकर गर्मी में भी ठंडा रहता है और इसकी चमकदार रंगत बनाये रखता है। किले का स्थापत्य कला राजपूत शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें जटिल नक्काशी, भव्य द्वार, और सुंदर मंदिर शामिल हैं। किले में अनेक महल, हवेलियाँ और मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख महाराजा की हवेली और लक्ष्मी नारायण मंदिर हैं।

किला 1,500 फीट लंबा और 750 फीट चौड़ा है, और यह जैसलमेर शहर के मध्य में स्थित है। इसके भीतर की संकरी गलियाँ, पारंपरिक हवेलियाँ, और स्थानीय हस्तशिल्प कला इसे एक जीवंत और सांस्कृतिक स्थल बनाते हैं।

जैसलमेर किला न केवल उसकी ऐतिहासिक और वास्तुकला की महत्वपूर्ण धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहाँ से रेगिस्तान के विस्तृत दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है और यह किला जैसलमेर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

 

32. एलीफेंटा गुफाएँ

 

एलीफेंटा गुफाएँ, मुंबई के निकट स्थित एक ऐतिहासिक स्थल हैं, जो मुख्य रूप से अपनी अद्वितीय और विशाल शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध हैं। ये गुफाएँ 5वीं से 8वीं शताब्दी के बीच बनी थीं और इन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। एलीफेंटा गुफाएँ, एक छोटे से द्वीप पर स्थित हैं और ये प्रमुख रूप से हिन्दू और बौद्ध धर्म की मूर्तियों और चित्रणों के लिए जानी जाती हैं।

एलीफेंटा गुफाओं में कुल 7 गुफाएँ हैं, जिनमें से प्रमुख गुफा गढ़ी गई शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की सबसे महत्वपूर्ण मूर्ति त्रिमूर्ति महादेव की है, जो एक विशाल और भव्य रॉक-कट छवि है, जिसमें भगवान शिव के तीन मुख विभिन्न रूपों में दर्शाए गए हैं। इसके अलावा, गुफाओं में अन्य शिव, पार्वती, और गणेश की मूर्तियाँ भी हैं, जो हिन्दू धार्मिक कला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

एलीफेंटा गुफाओं की वास्तुकला और शिल्पकला में उकेरी गई जटिल नक्काशी और धार्मिक चित्रण, उस समय की उत्कृष्ट कलात्मकता और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। गुफाओं तक पहुँचने के लिए पर्यटक समुद्र द्वारा बोट की यात्रा करते हैं, जो एक रमणीय अनुभव होता है। एलीफेंटा गुफाएँ भारतीय कला और संस्कृति के अद्वितीय धरोहर का प्रतीक हैं और भारत के ऐतिहासिक स्थलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।

 

33. एतमादुद्दौला का मकबरा

 

एतमादुद्दौला का मकबरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में एक मुगल मकबरा है। अक्सर इसे “ज्वेल बॉक्स” के रूप में वर्णित किया जाता है और कभी-कभी “बेबी ताज” भी कहा जाता है। इस मकबरे को बेगम नूरजहां ने 1622 -1628 ईसवी अपने वालिद मिर्ज़ा गियास बेग़ की याद में बनवाया था।

 

34. कुम्भलगढ़ किला

 

कुम्भलगढ़ किला, राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित, एक ऐतिहासिक और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। यह किला 15वीं शताब्दी में मेवाड़ के शासक महाराणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया था और यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है। कुम्भलगढ़ किला अपनी विशालता और मजबूती के लिए प्रसिद्ध है और इसे "गोल्डन फोर्ट" भी कहा जाता है।

किला 36 किलोमीटर लंबी और 15 फीट चौड़ी दीवार से घिरा हुआ है, जो इसे एक प्रभावशाली और अद्वितीय रक्षा संरचना बनाती है। किले के भीतर कई ऐतिहासिक महल, मंदिर, और हवेलियाँ हैं, जिनमें से प्रमुख महाराणा कुम्भा महल और कुम्भा शिखर हैं। किले की दीवारें इतनी विशाल हैं कि आप ऊँचाई से पूरा किला और आसपास के क्षेत्र का मनोरम दृश्य देख सकते हैं।

कुम्भलगढ़ किला की खासियत इसकी किलेबंदी और किले की दीवारों की लंबाई है, जो इसे भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक बनाती है। किला प्राचीन समय में मेवाड़ राज्य की सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक था। कुम्भलगढ़ किला आज भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो ऐतिहासिक और स्थापत्य प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ का आकर्षक परिदृश्य और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अद्वितीय स्थल बनाते हैं, जो भारतीय किलों की समृद्ध विरासत को दर्शाता है।

 

35. नाहरगढ़ किला

 

नाहरगढ़ किला अरावली पहाड़ियों के किनारे पर खड़ा ऐसा किला है जो भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर से दिखाई देता है। इस किले का निर्माण सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने सन 1734  में करवाया था जिसमे पत्थर, बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया था।

 

36.  नेशनल पार्क

 

नेशनल पार्क, एक संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्र है जिसे वन्यजीवों, पौधों, और पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए स्थापित किया गया है। इन पार्कों को अक्सर सरकार द्वारा प्रबंधित किया जाता है और ये विभिन्न वन्य जीवों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। नेशनल पार्कों का प्रमुख उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण, पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा, और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखना है।

 

नेशनल पार्कों में जनसंख्या नियंत्रण, वनों की कटाई, और शिकार पर कड़े नियम लागू होते हैं ताकि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखा जा सके। इनमें आवासीय क्षेत्रों और जलवायु को संरक्षित करने के लिए विविध वनस्पति और जीवों की सुरक्षा की जाती है। पार्कों में अक्सर ट्रैकिंग, वाइल्डलाइफ सफारी, बर्डवॉचिंग, और अन्य पर्यावरणीय गतिविधियाँ होती हैं जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाती हैं और उनके संरक्षण के महत्व को समझाती हैं।

 

भारत में कई प्रमुख नेशनल पार्क हैं, जैसे काजीरंगा, रणथंभौर, और सुंदरबन, जो विभिन्न वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण आवास प्रदान करते हैं और जैव विविधता का संरक्षण करते हैं। ये पार्क न केवल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए भी आदर्श स्थल हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य और जीवों की अद्वितीयता का अनुभव प्रदान करते हैं।

 

37. दूधसागर फाल्स

 

दूधसागर फाल्स, गोवा के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित, भारत के सबसे सुंदर और प्रसिद्ध झरनों में से एक है। इसका नाम "दूधसागर" संस्कृत के शब्दों से आया है, जिसका अर्थ होता है "दूध का सागर," और इसका नाम झरने के दूध जैसे सफेद और विशाल जलप्रवाह की वजह से पड़ा है। यह झरना पश्चिमी घाट की घनघोर पहाड़ियों पर स्थित है और मोनसून के दौरान पूरी शबाब पर होता है।

दूधसागर फाल्स की ऊँचाई लगभग 310 मीटर है और यह चार प्रमुख धाराओं में बहता है, जो इसे एक भव्य और प्रभावशाली दृश्य प्रदान करती हैं। झरना गहरी वादियों और हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है, जिससे इसका प्राकृतिक सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। यह झरना ट्रैकिंग और साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच लोकप्रिय है, क्योंकि यहाँ पहुँचने के लिए कठिन और रोमांचक ट्रैकिंग मार्ग हैं।

झरने के आसपास का क्षेत्र विविध वन्यजीवों और वनस्पतियों से भरा हुआ है, जो इसे एक आदर्श पारिस्थितिकीय स्थल बनाते हैं। दूधसागर फाल्स गोवा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ की सुंदरता और शांति ने इसे प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श गंतव्य बना दिया है।

 

38. कोणार्क सूर्य मंदिर

 

कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा के कोणार्क में स्थित एक प्राचीन और भव्य मंदिर है, जिसे सूर्य देवता को समर्पित किया गया है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में नवा किंग नरसिंहदेव द्वारा कराया गया था और यह भारतीय स्थापत्य कला का एक अद्वितीय उदाहरण है।

 

कोणार्क सूर्य मंदिर का डिज़ाइन एक विशाल रथ के रूप में किया गया है, जिसमें 24 विशाल पत्थर के पहिए हैं, जो सूर्य रथ के पहियों का प्रतीक हैं। इस रथ की संरचना को अद्वितीय शिल्पकला और वास्तुकला की खूबसूरती से सजाया गया है। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई जटिल नक्काशी, जिसमें देवी-देवताओं, यथार्थवादी आकृतियों और समृद्ध शिल्पकला शामिल हैं, इसे एक अद्वितीय और प्रभावशाली स्थल बनाती हैं।

 

कोणार्क सूर्य मंदिर को भारतीय वास्तुकला और कला के महान उदाहरणों में से एक माना जाता है। यहाँ की वास्तुकला और शिल्पकला न केवल उसकी धार्मिक महत्वता को दर्शाती है बल्कि यह ओडिशा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी प्रतीक है। मंदिर का संपूर्ण परिसर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह हर साल कई पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

 

मंदिर की भव्यता और इसकी अद्वितीय रथ संरचना, भारतीय स्थापत्य कला के अद्वितीय उदाहरण के रूप में जानी जाती है और यह भारतीय धार्मिक कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

39. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

 

केवलादेव नेशनल पार्क भारत के राज्य राजस्थान में एक विशाल पक्षी अभयारण्य और पूर्व शाही खेल रिजर्व है। भरतपुर के प्राचीन शहर के दक्षिण में फैला हुआ यह पार्क लकड़ी और मानव निर्मित आर्द्रभूमि प्रवासी और निवासी पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियों की रक्षा करती हैं। केवलादेव में पाए जाने वाले जीवों में बगुला, नाग और पक्षी के शामिल हैं।

 

40. पेरियार नेशनल पार्क

 

पेरियार नेशनल पार्क जिसको पेरियार टाइगर रिजर्व के रूप में भी जाना जाता है, जो केरल में दक्षिणी भारत के पहाड़ी पश्चिमी घाटों में फैला हुआ है। इस नेशनल पार्क में वन्यजीव अभयारण्य बाघों और एक महत्वपूर्ण हाथी, साथ ही दुर्लभ शेर-पूंछ वाले मकाक, सांभर हिरण, तेंदुए और भारतीय बाइसन की आबादी पाई जाती है।

41. इन इंडिया बोधगया

 

भारत के राज्य बिहार की राजधानी पटना के दक्षिणपूर्व में 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बोधगया में बोधि पेड़ के नीचे तपस्या करते हुए भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था इसलिए इस जगह का नाम बोधगया पड़ गया। बोधगया बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यह एक विश्व धरोहर स्थल भी है।

 

42. कुल्लू और मनाली

 

कुल्लू और मनाली, हिमाचल प्रदेश के दो प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीय आकर्षण के लिए प्रसिद्ध हैं।

कुल्लू, ब्यास नदी की घाटी में स्थित, एक शांत और हरे-भरे क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। कुल्लू की खूबसूरती उसके घने जंगलों, नीले आकाश, और ब्यास नदी की शांत धाराओं से झलकती है। कुल्लू की प्रमुख आकर्षण स्थल हैं, रघुनाथ मंदिर, हिडिम्बा देवी मंदिर और मनाली के आसपास के खूबसूरत गांव। यहाँ के स्थानीय हेमलट्स, भुट्टे की कुट्ट, और सेब के बागान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

मनाली, कुल्लू से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित, एक प्रमुख हिल स्टेशन है जो अपनी ठंडी जलवायु और अद्भुत दृश्यावली के लिए जाना जाता है। यहाँ की प्रमुख आकर्षण स्थलों में सोलंग वैली, रोहतांग पास, और हिडिम्बा देवी मंदिर शामिल हैं। मनाली के पास स्थित वशिष्ठ और कलाथ गर्म पानी के झरने भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

 

दोनों स्थल बर्फबारी, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, और स्कीइंग जैसी साहसिक गतिविधियों के लिए आदर्श हैं। कुल्लू और मनाली की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर उन्हें एक आदर्श पर्यटक गंतव्य बनाती हैं, जहाँ हर साल हजारों पर्यटक आनंद और शांति का अनुभव करने आते हैं।

 

43. दार्जिलिंग

 

दार्जिलिंग को पहाड़ों की रानी कहा जाता है जो पश्चिम बंगाल में स्थित है। टी एस्टेट्स, पार्क, चिड़ियाघर और माउंट एवरेस्ट का दृश्य यहाँ के मुख्य आकर्षण है।

 

44. फतेहपुर सीकरी

 

फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है। इसे मुग़ल सम्राट अकबर ने 1569 में अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था। यह शहर अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, और इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

 

फतेहपुर सीकरी का मुख्य आकर्षण उसका विशाल किला है, जो लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। इस किले में कई शानदार इमारतें हैं, जिनमें बीरबल की हवेली, जामा मस्जिद, और दाराशिकोह की बगीची प्रमुख हैं। किले के भीतर स्थित जल महल और पंच महल भी वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

 

फतेहपुर सीकरी का एक महत्वपूर्ण स्थल दीन-ए-इलाही के सिद्धांतों का प्रतीक है, जिसे अकबर ने धार्मिक एकता और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में स्थापित किया था। यहाँ का सुंदर जामा मस्जिद और विशेष रूप से अकबर का मकबरा, उस समय की कला और संस्कृति को दर्शाते हैं।

 

फतेहपुर सीकरी की स्थापत्य कला, इसके भव्य दरवाज़े और गज़ब के निर्माण, भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह स्थल हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जो यहाँ की अद्वितीय कला और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव करने आते हैं।

 

45. हम्पी

 

हम्पी एक ऐतिहासिक जगह और विजयनगर की पूर्ववर्ती राजधानी है। 14 वीं शताब्दी के इस खंडहर में लगभग 500 स्मारक हैं। हम्पी दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में एक प्राचीन गाँव है। यह विजयनगर साम्राज्य के कई खंडहर और मंदिर परिसर है। तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर हम्पी बाज़ार के पास 7 वीं शताब्दी का हिंदू वीरुपाक्ष मंदिर है। विशाल विटला मंदिर स्थल के सामने एक नक्काशीदार पत्थर का रथ खड़ा है। हम्पी के दक्षिणपूर्व में दारोजी भालू अभयारण्य है जो भारतीय सुस्त भालू (Indian Sloth Bear) का घर है।

 

46. हैवलॉक द्वीप

 

हैवलॉक आइसलैंड निकोबार द्वीप समूह का हिस्सा है। बता दें कि हैवलॉक साहसिक पर्यटकों के लिए एक बहुत अच्छी जगह है जो स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग के लिए जानी-जाती है।

 

47. कूर्ग

 

अगर आप भारत के किसी खास दर्शनीय स्थल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कूर्ग को अपनी लिस्ट में जरुर शामिल कर लें हैं। कूर्ग को अपने बड़े चंदन के जंगलों, चाय और कॉफी के बागानों के लिए भारत का स्कॉटलैंड बोला जाता है। कूर्ग छुट्टी मानाने के लिए एक बेहद लोकप्रिय जगह है। इरुप्पु जलप्रपात और ब्रह्मगिरी पहाड़ी यहां के अन्य दर्शनीय स्थल है

 

48. मुरुदेश्वर

 

मुरुदेश्वर, कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह स्थल अपनी विशाल शिव प्रतिमा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मुरुदेश्वर में स्थित भगवान शिव की 123 फीट ऊँची प्रतिमा भारत की सबसे ऊँची शिव प्रतिमा है और यह एक प्रमुख आकर्षण है।

 

मुरुदेश्वर का मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर समुद्र तट पर स्थित है, जिससे यहाँ के दृश्य अद्वितीय और आकर्षक हैं। मंदिर का वास्तुकला शानदार है और इसमें भव्य प्रवेश द्वार और विविध धार्मिक मूर्तियाँ हैं।

 

मुरुदेश्वर की विशिष्टता इसकी भव्य शिव प्रतिमा और मंदिर परिसर की शांतिपूर्ण और रमणीय स्थिति में है। यहाँ का दृश्य, समुद्र की लहरों और हरे-भरे परिदृश्य के साथ, इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है। पर्यटक यहाँ समुद्र तट पर समय बिता सकते हैं, साथ ही मंदिर की आध्यात्मिकता और शांति का अनुभव भी कर सकते हैं।

 

मुरुदेश्वर धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक महत्व, और प्राकृतिक सौंदर्य का एक बेहतरीन संयोजन है, जो हर साल हजारों पर्यटकों और भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता इसे एक अद्वितीय स्थल बनाती है।

 

49. बीजापुर

 

बीजापुर, कर्नाटक के उत्तर पश्चिमी हिस्से में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने समृद्ध इतिहास और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। बीजापुर को आदिलशाही सुलतानत की राजधानी के रूप में जाना जाता है, और यहाँ की ऐतिहासिक इमारतें उस काल की भव्यता और समृद्धि का परिचायक हैं।

 

बीजापुर की प्रमुख आकर्षण स्थलों में गोल गुंबज, एक विशाल मकबरा है, जिसे 17वीं शताब्दी में सुलतान मोहम्मद आदिल शाह द्वारा बनवाया गया था। गोल गुंबज की वास्तुकला इसकी गोलाकार संरचना और अद्वितीय ध्वनिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यहाँ की विजय विलास महल, बारहदरी, और जामा मस्जिद भी ऐतिहासिक और वास्तुकला के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।

बीजापुर की ऐतिहासिक इमारतों में जटिल नक्काशी और शानदार स्थापत्य कला की झलक मिलती है, जो आदिलशाही काल की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाती है। यहाँ की मस्जिदों, महलों और कब्रगाहों में देखने को मिलती है।

 

बीजापुर का समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है, जो भारतीय स्थापत्य कला और इतिहास के प्रेमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। यहाँ की ऐतिहासिक इमारतें और वास्तुकला बीजापुर के गौरवपूर्ण अतीत का संकेत देती हैं।

 

50. रणकपुर मंदिर

 

रणकपुर मंदिर अत्यंत भव्य और अत्यधिक सजावटी जैन मंदिर है जो अपनी कला और वास्तुकला की वजह से बहुत ज्यादा फेमस है। बता दें कि जिसे दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक माना जाता है। 15 वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर को बनाने में 50 वर्ष से भी ज्यादा का समय लगा था। रणकपुर मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है जिसमे 29 हॉल और 80 गुंबद हैं, लेकिन यह मंदिर अपने 1,444 स्तंभों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर के प्रत्येक गुंबद के ऊपर देवताओं की मूर्तियाँ हैं जो उस समय के बेहद जटिल नक्काशी इंटीरियर को प्रदर्शित करती है।

 

51. केरल बैकवाटर

 

केरल बैकवाटर केरल राज्य में अरब सागर तट के समानांतर स्थित लैगून और झीलों की एक बहुत बड़ी चैन है। केरल के बैकवाटर कई अनोखी जलीय प्रजातियाँ पाई जाती है। जिसमे केकड़े, मेंढक और मडस्किपर, पानी के पक्षी और ऊदबिलाव और कछुए जैसे जानवरों के नाम शामिल हैं।

 

52. विरुपाक्ष मंदिर

 

विरुपाक्ष मंदिर भारत के कर्नाटक के बल्लारी जिले में हम्पी में स्थित है। यह हम्पी के स्मारकों के समूह का हिस्सा है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया है। मंदिर शिव के एक रूप, विरुपाक्ष को समर्पित है।