एक छोटे से गाँव में रवि नाम का एक युवक रहता था। रवि साधारण परिवार से था, लेकिन उसके दिल में हमेशा समाज के लिए कुछ अच्छा करने की चाह रहती थी। वह सोचता था कि अगर हर इंसान थोड़ा-सा अच्छा काम करे, तो दुनिया कितनी बेहतर हो सकती है।
एक दिन गाँव के पास के जंगल में आग लग गई। लोग डर के मारे अपने घरों में छिप गए, लेकिन रवि अकेले बाल्टी लेकर आग बुझाने भाग पड़ा। कुछ देर बाद दो-तीन बच्चे भी उसका साथ देने आ गए। फिर धीरे-धीरे गाँव के और लोग भी जुड़ने लगे। सबने मिलकर आग बुझा दी।
जब आग बुझी, तो गाँव के बुज़ुर्गों ने रवि की पीठ थपथपाई और कहा, “अगर तू पहल न करता, तो हम सब शायद यूँ ही देखते रहते।” उस दिन रवि को एहसास हुआ कि एक छोटा-सा अच्छा काम भी बहुत बड़ा असर डाल सकता है।
इसके बाद रवि ने तय किया कि वह हर महीने गाँव के बच्चों को पढ़ाएगा। पहले दिन सिर्फ दो बच्चे आए, फिर चार, फिर दस… और कुछ महीनों में पूरा गाँव उसके साथ पढ़ने लगा। धीरे-धीरे गाँव के और युवक-युवतियाँ भी आगे आए और उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।
रवि के एक छोटे-से कदम ने पूरे गाँव की सोच बदल दी।
जब मैंने कुछ अच्छा किया, तो मुझे खुशी तो मिली ही, साथ ही दूसरों को भी प्रेरणा मिली। एक छोटा-सा काम भी बदलाव की शुरुआत बन सकता है। जरूरत है बस एक कदम बढ़ाने की।
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